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रामनवमी २०२१ – SimpleJB

Tag: रामनवमी २०२१

  • Ram Navmi 2022: जाने रामनवमी की तिथि, मुहुर्त और कैसे करे भगवान राम की पूजा

    Ram Navmi 2022: जाने रामनवमी की तिथि, मुहुर्त और कैसे करे भगवान राम की पूजा

    Chaitra Navratri Ram Navmi 2022: भारतीय इतिहास में सबसे बड़ा त्यौहार रामनवमी को माना ज्याता है. राम नवमी यह नवरात्री के अंतिम दिन पर मनाई ज्याति है. धार्मिक ग्रंथो और पौराणिक कथा के अनुसार यह माना ज्याता है की इसी दिन भगवान् श्री राम का जन्म हुवा था. इसीलिए लोग रामनवमी को बड़े धूम धाम से मनाते है.

    चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इस दिन पूरे देश भर में श्रीराम जन्मोत्सवों की धूम रहती है साथ ही हिंदुओं के लिए यह दिन अंतिम नवरात्र होने के कारण भी काफी महत्वपूर्ण होता है।

    Ram Navmi के दिन लोग बढे धूम धाम से श्री राम जी की पूजा करने है, मानना है की अगर राम नवमी के दिन आप घर में हवन करते हो तो आपके घर में शुख शांति और समृधि बर्खरार रहती है, घर में देवताओ का वास रहता है. जिससे घर में सुख शांति रहती है, और घर आध्यात्मक बन ज्याता है.

    राम नवमी शुम मुहुर्त और तारिख 2022

    इस साल 2022 में 21 April को Ram Navmi का त्यौहार मनाया जाएगा.

    नवमी तिथि समाप्त:- 22 अप्रैल, 2022 को 00:35 बजे पर.

    पूजा का मुहुर्त:- सुबह 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक.

    Ram Navmi पूजा विधि 2022

    ram-navmi-2021

    पुराणों के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। यही कारण है कि इस दिन तीसरे प्रहर तक व्रत रखा जाता है और दोपहर में ही मनाया जाता है राम महोत्सव। आज के दिन व्रत रखकर भगवान श्रीराम और रामचरितमानस की पूजा करनी चाहिए।

    भगवान श्रीराम की मूर्ति को शुद्ध पवित्र ताजे जल से स्नान कराकर नवीन वस्त्राभूषणों से सज्जित करें और फिर धूप दीप, आरती, पुष्प, पीला चंदन आदि अर्पित करते हुए भगवान की पूजा करें। रामायण में वर्णित श्रीराम जन्म कथा का श्रद्धा भक्ति पूर्वक पाठ और श्रवण तो इस दिन किया ही जाता है अनेक भक्त रामायण का अखण्ड पाठ भी करते हैं।

    भगवान श्रीराम को दूध, दही, घी, शहद, चीनी मिलाकर बनाया गया पंचामृत तथा भोग अर्पित किया जाता है। भगवान श्रीराम का भजन, पूजन, कीर्तन आदि करने के बाद प्रसाद को पंचामृत सहित श्रद्धालुओं में वितरित करने के बाद व्रत खोलने का विधान है।

    राम नवमी व्रत कथा

    राम, सीता और लक्ष्मण वन में जा रहे थे। सीता जी और लक्ष्मण को थका हुआ देखकर राम जी ने थोड़ा रुककर आराम करने का विचार किया और एक बुढ़िया के घर गए। बुढ़िया सूत कात रही थी। बुढ़िया ने उनकी आवभगत की और बैठाया, स्नान-ध्यान करवाकर भोजन करवाया। राम जी ने कहा- बुढ़िया माई, “पहले मेरा हंस मोती चुगाओ, तो मैं भी करूं।” बुढ़िया बेचारी के पास मोती कहां से आतो जोकि सूत कात कर गुजारा करती थी।

    अतिथि को ना कहना भी वह ठीक नहीं समझती थीं। दुविधा में पड़ गईं। अत: दिल को मजबूत कर राजा के पास पहुंच गईं और अंजली मोती देने के लिये विनती करने लगीं। राजा अचम्भे में पड़ा कि इसके पास खाने को दाने नहीं हैं और मोती उधार मांग रही है। इस स्थिति में बुढ़िया से मोती वापस प्राप्त होने का तो सवाल ही नहीं उठता। आखिर राजा ने अपने नौकरों से कहकर बुढ़िया को मोती दिला दिये।

    बुढ़िया मोती लेकर घर आई, हंस को मोती चुगाए और मेहमानों की आवभगत की। रात को आराम कर सवेरे राम जी, सीता जी और लक्ष्मण जी जाने लगे। राम जी ने जाते हुए उसके पानी रखने की जगह पर मोतियों का एक पेड़ लगा दिया। दिन बीतते गये और पेड़ बड़ा हुआ, पेड़ बढ़ने लगा, पर बुढ़िया को कु़छ पता नहीं चला।

    मोती के पेड़ से पास-पड़ोस के लोग चुग-चुगकर मोती ले जाने लगे। एक दिन जब बुढ़िया उसके नीचे बैठी सूत कात रही थी। तो उसकी गोद में एक मोती आकर गिरा। बुढ़िया को तब ज्ञात हुआ। उसने जल्दी से मोती बांधे और अपने कपड़े में बांधकर वह किले की ओर ले चली़। उसने मोती की पोटली राजा के सामने रख दी।

    इतने सारे मोती देख राजा अचम्भे में पड़ गया। उसके पूछने पर बुढ़िया ने राजा को सारी बात बता दी। राजा के मन में लालच आ गया। वह बुढ़िया से मोती का पेड़ मांगने लगा। बुढ़िया ने कहा कि आस-पास के सभी लोग ले जाते हैं। आप भी चाहे तो ले लें। मुझे क्या करना है। राजा ने तुरन्त पेड़ मंगवाया और अपने दरबार में लगवा दिया।

    पर रामजी की मर्जी, मोतियों की जगह कांटे हो गये और लोगों के कपड़े उन कांटों से खराब होने लगे। एक दिन रानी की ऐड़ी में एक कांटा चुभ गया और पीड़ा करने लगा। राजा ने पेड़ उठवाकर बुढ़िया के घर वापस भिजवा दिया। पेड़ पर पहले की तरह से मोती लगने लगे। बुढ़िया आराम से रहती और खूब मोती बांटती।

    Ram Navami Wishes, Quotes, Images, Messages, WhatsApp Status, SMS आपके प्यारे लोगों को नमस्कार  

    • यह राम नवमी आपके जीवन में बहुत सारी सकारात्मकता, शांति और समृद्धि लाए। राम नवमी की शुभकामनाएँ!
    • राम नवमी की शुभकामनाएँ! मैं आपके अच्छे स्वास्थ्य और खुशी के लिए प्रार्थना करता हूं। 
    • भगवान राम आप पर हमेशा कृपा बनाए रखें और रक्षा करें। राम नवमी की शुभकामनाएँ!
    • आपको नव राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! आप इस वर्ष अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
    • रामनवमी के इस शुभ अवसर पर, मैं कामना करता हूं कि भगवान राम का आशीर्वाद आपके जीवन में समृद्धि लाए। हैप्पी राम नवमी!
    • यह रामनवमी, श्री राम आपको अपनी असीम कृपा के साथ स्नान करा सकते हैं। हैप्पी राम नवमी!
    • यहां आपको और आपके परिवार को हैप्पी राम नवमी की शुभकामनाएं दे रहा हूं!
    • Aapko aur aapke parivar ko Ram Navami ki hardik shubhkaamnaayein
    • भगवान राम की दिव्य कृपा हमेशा आपके साथ रहे। आपको राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    • रामनवमी के पावन अवसर पर, मैं कामना करता हूं कि श्री राम आपके घर को सुख, शांति और समृद्धि से भर दें। राम नवमी की शुभकामनाएँ!
    • दीयों की रोशनी आपके जीवन को चमक और संतोष से भर दे। हमारे परिवार को आपकी ओर से राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    Delhi NCR Full Form | एनसीआर फुल फॉर्म हिंदी में

    FAQs On Ram Navmi

    चैत्र रामनवमी कब है?

    चैत्र राम नवमी २१ अप्रेल को है.

    सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए?

    शाश्त्रो के अनुसार सुबह 5 से 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में पूजन और आरती होनी चाहिए। इसके बाद प्रात: 9 से 10 बजे तक दूसरी बार का पूजन। दोपहर में तीसरी बार पूजन करना चाहिए।

    राम नवमी कौन सी तारीख की है?

    021 में राम नवमी 21 अप्रैल 2020 बुधवार को है। राम नवमी भारत के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है, जो चैत्र माह के नौवें दिन आता है.


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