Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जयंती शुभ मुहुर्त, विधि पूजा और व्रत कथा

Hanuman Jayanti 2022: हर साल की तरह इस साल हनुमान जयंती राम नवमी के बाद ही आ रही रही, जैसे की आपको पता है की राम नवमी २१ अप्रेल को थी. और इस साल हनुमान जयंती २७ अप्रेल को है. तो इस पोस्ट में हम Hanuman Jayanti की विधि, पूजा और मुहुर्त के बारेम जानेंगे.

पंचांग के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा. जैसे आपको पता है की हनुमान जी के जन्मदिवस की तौर पर सभी लोग हनुमान जयंती मनाते है, इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुवा था. हनुमान जयंती के दिन आप श्री हनुमान जी का आश्रीर्वाद लेते है तो यह बहुत ज्यादा पवित्र माना ज्याता है. इस दिन देशो में जगह जगह पर धार्मिक कार्यक्रम रखे ज्याते है.

जब भी आप हनुमान जी का नाम सुनते है तो सबसे पहले आपको “जय जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर. राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा” यह हनुमान चालीसा का जाप आता है. अगर आप हनुमान चालीसा का जाप करते हो तो आपका मन शांत और प्रेरित हो ज्याता है.

हनुमान जी को बजरंगबली और संकट मोचन नाम से भी ज्याना ज्याता है. अगर आपको कभी भी अपने मन में डर लग रहा है तो आप हनुमान चालीसा का जाप जरुर करे इससे आपके मन का डर भागके दूर हो जाएगा.

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Hanuman Jayanti शुभ मुहुर्त

पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती पर शुभ मुहूर्त 26 अप्रैल की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से पूर्णिमा की तिथि के प्रारम्भ से 27 अप्रैल रात्रि 9 बजकर 01 मिनट तक है रहेगा.

हनुमान जयंती पर शुभ योग

हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है. जिस कारण हनुमान पूजा का महत्व अधिक बढ़ जाता है. पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती पर सिद्धि योग और व्यतीपात योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही सिद्धि योग 27 अप्रैल को शाम 08 बजकर 3 मिनट तक रहेगा.

धन और व्यापार से जुड़ी परेशानी दूर करने के लिए करें ये उपाय

हनुमान जयंती के दिन कुछ उपाय करने से धन और व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है. हनुमान जयंती के दिन शुभ मुहूर्त में हनुमान जी को चमेली के तेल का दीपक जलाएं, इसके साथ ही इस दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाएं. हनुमान जी चोला चढ़ाने से विशेष प्रसन्न होते हैं. अगर आपको घर में कुछ समश्या है तो आप अपने घर में Hanuman Jayanti के दिन हवन पूजा कर सकते हो.

हनुमान जयंती पूजन सामग्री

जब आप हनुमान जयंती में पूजन करते है तो आपको कोई भी चीज कम न पड़े इसीलिए हमने आपको पूजा की पूरी सामग्री बतायी है.

  • एक चौकी
  • एक लाल कपड़ा
  • हनुमान जी की मूर्ति या फोटो
  • एक कप अक्षत
  • घी से भरा एक दीया
  • कुछ ताजे फूल
  • चंदन या रोली
  • गंगाजल
  • कुछ तुलसी की पत्तियां
  • एक धूप
  • नैवेद्य (गुड और भुने चने)

पूजा विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद हनुमान जी को ध्यान कर हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें। साफ-स्वच्छ वस्त्रों में पूर्व दिशा की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें। विनम्र भाव से बजरंग बली की प्रार्थना करें।

एक चौकी पर अच्छी तरह से लाल कपड़ा बिछा दें। चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति या फोटो लगाएं। ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी पूजा भगवान गणेश को सर्वप्रथम नमन किए बिना पूरी नहीं होती है। दीया और धूप जलाएं

हनुमान जयंती कथा

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पौराणिक कथानुसार, एक बार महान ऋषि अंगिरा भगवान इंद्र के देवलोक पहुंचे। वहां पर इंद्र ने पुंजिकस्थला नाम की अप्सरा द्वारा नृत्य प्रदर्शन की व्यवस्था की, लेकिन ऋषि को अप्सरा के नृत्य में कोई दिलचस्पी नहीं थी इसलिए वह गहन ध्यान में चले गए।

अंत में जब उनके अप्सरा के नृत्य के बारे में पूछा गया थो उन्होंने ईमानदारी से कहा कि उन्हें नृत्य देखने में कोई दिलचस्पी नहीं है। यह सुनकर पुंजिकस्थला ऋषि पर क्रोधित हो गई बदले में ऋषि अंगिरा ने नर्तकी को श्राप देते हुए कहा कि वह एक बंदरिया के रूप में धरती पर जन्म लेगी।

पुंजिकस्थला ने ऋषि से क्षमा याचना की लेकिन ऋषि ने अपना श्राप वापस नहीं लिया। नर्तकी एक अन्य ऋषि के पास गई और ऋषि ने अप्सरा को आशीर्वाद दिया कि सतयुग में भगवान विष्णु का एक अवतार प्रकट होगा। इस तरह पुंजिकस्थला ने सतयुग में वानर राज कुंजर की बेटी अंजना के रूप में जन्म लिया और उनका विवाह कपिराज केसरी से हुआ, जो एक वानर राजा थे इसके बाद दोनों के एक पुत्र हुआ जिसे शक्तिशाली हनुमान कहा गया है। 

FAQs On Hanuman Jayanti

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है?

एक तिथि की हनुमान जयंती भगवान हनुमान जी के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है जबकि दूसरी तिथि की हनुमान जयंती विजय अभिनंदन समारोह के तौर पर मनाई जाती है.

हनुमान जयंती का अर्थ क्या है?

हनुमान जयंती एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ माना जाता है। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। हनुमान जी का जन्मदिन को भी हनुमान जयंती बोला ज्याता है.

हनुमान जी का जन्म कौन से सन में हुआ था?

हनुमान जी यह शिवजी के 11 वे अवतार माने ज्याते है. ज्योतिषियों की गणना के अनुसार, हनुमान जी का जन्म 1 करोड़ 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे हुआ था.

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